राजभर राजा हरदेव की एक छोटी सी पहचान




राजा हरदेव राजभर का किला
रायबरेली से उत्तर ( 26.24N ; 81.12E ) महराज गंज -बछराँवा मार्ग पर तहसील महराजगंज से 12 किमी .
दूरी पर राजा हरदेव नाम का किला स्थित है . यह किला हरदोई के भर राजा हरदेव के नाम पर बनवाया गया था . किले के उत्तर में कुम्हराँवा , दक्षिण में झील ( जिसका पानी सलेथू तक फैला रहता है ) , पश्चिम में पश्चिम गांव और पूरब में मऊ स्थित है .

राजा हरदेव भर शिव उपासक थे . किले के मैदानी भाग में एक शिव मंदिर था . जल संसाधन की यहाँ अच्छी व्यवस्थाथी . किला डलदेव ने पुनः स्थापित करवाया था , दसवीं शताब्दी में भी यहाँ भरों की एक छावनी थी .

जिसे सैयद सालार का सेनापति सैयद आगा शहीद ने भरों से छीनना चाहा था . पर उसे हार खानी पड़ी थी .
पंद्रहवीं शदी में शर्की ने इसे भी ध्वस्त किया और इसे सैयद जलालुद्दीन के मातहत कर दिया . मुगल काल में यह खत्री और कनपुरिया राजपूतों की जागीरदारी में आ गया .

यहाँ आज आगा शहीद का मकबरा देखने को मिल जायेगा , स्थानीय जमींदार ने बाबू बाज बहादुर के नाम पर यहाँ बाबू बाजार स्थापित की , राजा अमन चन्द सिंह का यहीं चाँद पुर स्टेट है

जिसने सिमरौता के अन्तर्गत हँसवरिया में अपना आवासीय भवन बनवा लिया था .

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