भर शब्द के कई अर्थ होते है आईए आपको इन्ही अर्थो से अवगत कराते हैं ,,भर का अर्थ है पालन हार भरण पोषण करनें वाला
तथा वीर योंद्धा ,, भर को जल की भी उपाधि प्राप्त हुई है ,यें जल चार प्रकार के हैं:- 1-अंम्भ, 2-मरीचि, 3-भर, 4-आप, जो भय पैदा करें उसे भर कहते हैं, भर एक पूरक शब्द भी है बिना भर का नाम लिये कोई दिन भर नहीं बोल सकता है,
भर एक स्वर वर्ण है और जिन्दगी के अनगिनत वर्ण ब्यंजन है स्वर के सहायता के बिना ब्यंजन बोलना मुश्किल है, भर पूर्ण शब्द है, जैसे:-जिन्दगी भर, उम्र भर, देश भर, राज्य भर, विदेश भर, जिला भर, गाँव भर, शहर भर, नगर भर, सप्ताह भर, महीना भर, दर्जन भर, साल भर, पल भर, क्षण भर, रति भर, मन भर, जी भर, रात भर, भर से भोर भई!!
कई इतिहासकारो के अनुसार #भारशिव का संस्कृत नाम भर होता है या #भारशिव का ही दूसरा नाम भर होता है
दूसरे शब्दों में कहें तो भर #भारशिव का ही अप्रभंश है,,प्राचीन ग्रन्थों का और इतिहास का अध्धयन करने के बाद हम इस नतीजे पर पहुँचते है कि ,सरस्वती नदी की उपत्यका से चलकर काशी आनेवाले विदथ भारद्वाज हैं, विदथ माधव नहीं।
#विदथ, #भर और #भारद्वाज- तीनों एक व्यक्ति हैं और
तीनों का शब्दार्थ #यज्ञ होता है।
विमर्ति फलमिति भरो यज्ञः तं भरं तनन्तीति भरता
ऋत्विजः तैष पूर्वकालीनेषु इति सयशः
भरतेषु भरत देशस्य होतषु एता तान व इति विशेषणामि
जानामः।
-ऐतरेय ब्राह्मणे सप्तमः खण्डः द्वादशोध्याय
मूढ़े ! भरद्वाज मित्रं भरद्वाज बृहस्पतये।
यातो यदुक्त्वा पितरौं भरद्वाजस्ततस्त्वयम्॥
बृहस्पतिजी कहते हैं- अरे मूढे मेरे भाईका ओरस
और मेरा क्षेतत्र पुत्र हैं- इस प्रकार दोनोंका पुत्र (द्वाज)
है। इसलिए उरमत #भरण-#पोषण कर (भर) आगे चलकर
- यही विदथ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
-श्रीमद्भागवतपुराण, नवम् स्कन्ध
श्रीनारायण चतुर्वेदी भइया साहब' और डा. हरदेव बाहरी के प्राचीन चरित्र कोश के अनुसार पैदा होकर जो बालक #भर है, वही ऋषि होकर #भारद्वाज है।
इस प्रकार हम इस निष्कर्षपर पहुंचते हैं कि सिन्धु और
सरस्वती घाटी सभ्यता के मूल जनक #भर या #भरत हैं। भर शब्द भृ धातु से बना है, यह उभयपदी धातु है।
आत्मनेपदी का रूप भर और परस्मैपदी रूप भरत है।
इस प्रकार समझें-
भृ-भर-भरत, भरति, भारत: भरन्ति। भर शब्द के पंचमी के रूप में तसिल प्रत्यय लगाने से भरति बनता है। इस प्रकार
भरति इति भर तस्मात भरतः पुनक्ष भरस्याम् भारः अथवा भरतीति भार: अर्थात जो #भय उतपन्न करे वही #भर है।


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