भारशिव राजभर क्षत्रिय भारत का एक प्राचीन राजवंश यह लोग प्राचीन काल मे शिवलिंग को कंधा पर रखा करते थे। नाग कुल के नाग राजायों ने अपने धार्मिक अनुष्ठान के समय मे शिवलिंग को अपने कन्धो पर उठाकर शिव को सम्मानित करते थे उत्तर भारत गंगा घाटी विंध्य क्षेत्र कान्तिपुर विंध्याचल जनपद मिर्ज़ापुर मे इनकी राजधानी थी काशी मे गंगा तट पर दश अश्व मेघ यज्ञ किये
जिसके कारण भार वहन करने से इनका नाम भारशिव पड़ा और काशी दशाश्वमेघ घाट आज भी प्रसिध्द एव मौजूद है साधारण जनता ने अज्ञानता एव मूर्खता से इनको भर कहने लगी कालान्तर युग ये लोग राजभर क्षत्रिय नाम से प्रचलित हुये.


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